लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन

 लेह, 24 सितंबर 2025: लद्दाख के लेह शहर में आज बुधवार को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर आयोजित बंद के दौरान हिंसक झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, एक सुरक्षा वाहन को आग के हवाले कर दिया और भाजपा कार्यालय पर हमला किया। लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा बुलाए गए इस बंद का उद्देश्य केंद्र सरकार के साथ वार्ता को तेज करने के लिए दबाव बनाना था।

प्रदर्शन की शुरुआत शांतिपूर्ण रही, लेकिन जल्द ही युवाओं की भीड़ ने भाजपा कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि लद्दाख को 2019 में जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से यहां की स्थानीय आबादी के अधिकारों का हनन हो रहा है। वे छठी अनुसूची के तहत आदिवासी क्षेत्रों को विशेष सुरक्षा और राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, ताकि भूमि और पर्यावरण संबंधी फैसलों में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो।

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक द्वारा नेतृत्व की जा रही भूख हड़ताल आज अपने 15वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। वांगचुक और उनके साथी, जिनमें पूर्व सैनिक भी शामिल हैं, लद्दाख की नाजुक पारिस्थितिकी को बचाने और कॉरपोरेट कंपनियों द्वारा चरागाह भूमि पर कब्जा रोकने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ पिछले एक साल से चल रही वार्ताएं विफल हो गई हैं, जिसके कारण उन्हें फिर से अनशन शुरू करना पड़ा।

पुलिस और सीआरपीएफ ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया। कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, हालांकि अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है। लेह शहर में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं।

यह आंदोलन लद्दाख में लंबे समय से चल रहा है। 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से स्थानीय निवासी विकास परियोजनाओं के नाम पर अपनी भूमि और संस्कृति के नुकसान की शिकायत कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने अभी तक इन मांगों पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया है, जिससे आंदोलन और तेज हो गया है। स्थानीय नेताओं का कहना है कि यदि जल्द ही समाधान नहीं निकाला गया, तो विरोध और बढ़ सकता है।

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